ऐ दोस्त मेरे इस दुनिया में
हर चीज़ की कीमत होती है ।
हर ख़ुशी की कीमत होती है
हर गम की कीमत होती है।
कुछ मुफ्त नहीं मिलता है यहाँ
जो मिला चुकाना पड़ता है
जब वक़्त मांगता है हिसाब
तब सर को झुकाना पड़ता है।
जो कुछ भी दिया हमने सबको
हो हर्ष ,प्रेम , विषाद , या ,छल ,
दुगना, तिगुना, चौगुना हो कर
बस वही मिलेगा हमको कल।
जो चाहे कोई छुप जाये कही
इनकार भी कर दे देने से
पर धुंध के करता है हिसाब
ये वक़्त जो आये लेने पे।
हो राजा या हो रंक
समय की एक सी फितरत होती है,
हर कोई सजदा करता है
जिस रोज़ क़यामत होती है।
अनुप्रिया ....
क्या आपने हिंदी ब्लॉग संकलक हमारीवाणी पर अपना ब्लॉग पंजीकृत किया है?
जवाब देंहटाएंअधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.
हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि
अच्छी कविता है ......
जवाब देंहटाएंhttp://oshotheone.blogspot.com/
अच्छी कविता है ......
जवाब देंहटाएंयहाँ भी आइये