आप चले गए जो हमारी जिन्दगी से,
टूट जायेगा रिश्ता हमारा हर ख़ुशी से।
प्यार थोड़ा सा , मिले थोड़ा भरोसा,
और चाहिए क्या आदमी को आदमी से।
अश्क रुक रुक कर सही पर बहते रहे,
भूल कर भी भूले नहीं दिन बेबसी के .
हाथ पर जब हाथ आपका था हमारे,
वो भी क्या दिन थे हमारी बेखुदी के।
हर एक झरोखे में आप ही का गुमा हुआ
जब भी गुजरे हम आपकी गली से।
साथ बस आपका मिले हर एक कदम को,
और चाहिए क्या हमें इस जिन्दगी से।
अनुप्रिया...
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