मंगलवार, 18 जनवरी 2011

खामोशियाँ...



खामोशियों को ना  बेजुबां समझो,
 बंद होठों से ये हर नज्म गुनगुनायेंगी,
तुम  लब्ज  टटोलते रहना  ,
ये बात राज की  कह जाएँगी.

रंग बदलेगा जब उनके गालों का,
मोहब्बत भी बयां हो  जाएगी,
इश्क अल्फाज कहाँ ढूंढेगा,
कयामत जब दिलों पे आएगी.


उलझे जुल्फों से होंगी फरियादें,
कसम नज़रों से उठाई जाएगी,
दर्द रीसेगा धडकनों में जब,
पलक की ओट भींग जाएगी.


छुप के चेहरा निहारेगा कोई...
सादगी में अदा हो जाएगी.

प्यार देगा दिलों पे  जब दस्तख,
बिन कहे दास्ताँ  हो  जाएगी...

अनुप्रिया...       

15 टिप्‍पणियां:

  1. खामोशियों को ना बेजुबां समझो,
    बंद होठों से ये हर नज्म गुनगुनायेंगी,
    तुम लब्ज टटोलते रहना ,
    ये बात राज की कह जाएँगी.

    वाह! कभी कभी शब्दो कि दरकार नही होती समझने वाले बंद जुबाँ भी समझ लेते हैं।

    रंग बदलेगा जब उनके गालों का,
    मोहब्बत भी बयां हो जाएगी,
    इश्क अल्फाज कहाँ ढूंढेगा,
    कयामत जब दिलों पे आएगी.

    गज़ब किया है ………लयबद्ध सुन्दर प्रस्तुति।



    दर्द रीसेगा धडकनों में जब,
    पलक की ओट भींग जाएगी.

    आह! निकल जाती है यहाँ ऐसा भाव संयोजन किया है।

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  2. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (20/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
    http://charchamanch.uchcharan.com

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  3. अनुप्रिया जी

    बहुत ख़ूब !
    प्यार देगा दिलों पे जब दस्तक़ ,
    बिन कहे दास्ताँ हो जाएगी...


    उद्वेलित करने वाली नज़्म !

    ~*~लगातार अच्छा लिखने के लिए हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !~*~

    शुभकामनाओं सहित
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  4. खामोशियों को ना बेजुबां समझो,
    बंद होठों से ये हर नज्म गुनगुनायेंगी,
    तुम लब्ज टटोलते रहना ,
    ये बात राज की कह जाएँगी.

    bahut hi khoobsurti ke saath likhi hain aap.

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  5. are wah rajeev jee, hum to sachmuch padosi hain...
    blog par aa kar hausla badhane ke liye shukriya...

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  6. पहली बार आपको पढने का मौका मिला बहुत अच्छा , सुन्दर रचना के लिए बधाई आपको ।

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  7. खामोशियों को ना बेजुबां समझो,
    बंद होठों से ये हर नज्म गुनगुनायेंगी,
    तुम लब्ज टटोलते रहना ,
    ये बात राज की कह जाएँगी.

    सुंदर ....हृदयस्पर्शी.....

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  8. सुन्दर व सुरीली कविता के बधाई

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