शनिवार, 10 अप्रैल 2021

मैं खामोशी सुनना चाहती हूं।

बंद आंखो के भीतर
एक नया संसार बुनना चाहती हूं।
मैं खामोशी सुनना चाहती हूं।

हृदय की ताल हो
एकांत गाए,
एक ऐसा गीत गुनना चाहती हूं।
मैं खामोशी सुनना चाहती हूं।

किसी अनजान पथ पे खुद को खोना,
बड़ा सुन्दर है जानो शून्य होना,
वहीं सौन्दर्य चुनना चाहती हूं।
मैं खामोशी सुनना चाहती हूं। 

माया मोह के ये ढोल - ताशे
जगत के भूल कर सारे तमाशे
जोगी बन के झूमना चाहती हूं।
मैं खामोशी सुनना चाहती हूं।

Anupriya

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