शनिवार, 28 अगस्त 2010




जिंदगी नाम है सवालों का
जिसका जवाब भी खुद जिन्दगी है।
हकीकत अगर है ये जिंदगी,
ख्वाब भी खुद जिंदगी है।


जिल्लत भी है ये जिंदगी ,
खिताब भी खुद जिंदगी है।
हर हिसाब है इस जिन्दगी के पास,
बेहिसाब भी ये जिन्दगी है।


बदसूरत अगर है ये जिन्दगी,
शबाब भी खुद जिन्दगी है।
बेपर्दा सी इस जिन्दगी का
नकाब भी खुद जिन्दगी है।


अनकही इस जिन्दगी की ,
आवाज़ भी खुद जिन्दगी है।
तीखी कडवी जिन्दगी में,
मिठास भी खुद जिन्दगी है।


खामोश भी है ये जिन्दगी,
अल्फाज भी खुद जिन्दगी है।
जिन्दगी की कोई कहानी नहीं,
पर किताब भी खुद जिन्दगी है।

अनुप्रिया ...

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