ये दोष उम्र का है, या दोष तुम्हारे चेहरे का,
हमने न चाह कर भी जो तुम्हे बार बार देखा।
यूँ बहकती हुई नज़रों से हो गया प्यार अगर,
कभी सोचा है आगे हमारा क्या होगा ?
वो चंचल होंठ, वो मासूम सी ताकती आँखे,
फ़रिश्ता ही होगा,जो तुमसे नज़र चुरा लेगा।
चाँद में भी मेरे यार दाग होता है,
मान जाए उसे जो तुझमे दाग दिखा देगा।
अनुप्रिया...
बहुत सुन्दर लिखती हो………………ऐसे ही लिखती रहो।
जवाब देंहटाएंjee...aapka bahot bahot shukriya.
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