शनिवार, 25 सितंबर 2010



रात में दिन कि सूरत है वो
उसकी गोरी काली आँखे,
मीठी मीठी प्यास जगती
हाय वो मतवाली आँखें।


चाँदी जैसा रूप सलोना,
उसका रंग है जैसे सोना,
अद्भुत सा सौन्दर्य जगाती
उस पर हीरे वाली आँखे।


हाय! मेरी नींद उड़ाए
उसके अधरों कि मुस्कान,
बंसी जैसी मीठी बोली
दिल में जगाएं सौ अरमान।
उस पर चित का चैन चुराएं
उसकी भोली भाली आँखें।



अनुप्रिया...

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