शनिवार, 29 जनवरी 2011

काश ऐसा होता !



काश ऐसा होता !
मेरा ख्वाब हकीकत बन जाता,
और वक़्त का पहिया चलते-चलते
इन लम्हों में थम जाता...

काश ऐसा होता !
तुम्हारे बाँहों के घेरे में
मेरी तनहाइयाँ खो जाती,
तुम्हारी आँखों कि गहराई में
मेरी पूरी कायनात गुम हो जाती...

काश, ऐसा होता !
तुम्हारी आँखों के सारे मोती
सिमट आते मेरे आँचल में,
तुम्हारे जीवन के सारे अँधेरे
घुल जाते मेरे काजल में...

काश ऐसा होता !
तुम होते मेरे साथ हमेशा,
जैसे सीप और मोती,
सूरज और रौशनी,
मांग और सिंदूर,
दीपक और ज्योति...
काश ऐसा होता !

अनुप्रिया...

14 टिप्‍पणियां:

  1. तुम होते मेरे साथ हमेशा,
    जैसे सीप और मोती,
    सूरज और रौशनी,
    मांग और सिंदूर,
    दीपक और ज्योति...


    काश ऐसा सब हो जाता ....बहुत सुंदर
    बहुत कुछ याद दिला दिया आपकी कविता ने ....अल्फाज को अभिव्यक्त नहीं कर सकता .....शुक्रिया

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  2. काश ऐसा होता……………बस यही शब्द कभी कभी बहुत कुछ कह जाते है और ज़िन्दगी चलती रहती है इसी काश के आस पास्।

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  3. कल्‍पना से उठते सुन्‍दर शव्‍दों के गंध.
    अच्‍छी कविता, धन्‍यवाद.

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  4. खूबसूरत शब्दों से रची भावपूर्ण रचना .....

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  5. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 01- 02- 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.uchcharan.com/

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  6. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 01- 02- 2011
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  7. काश ऐसा होता... अपनी लयबद्धता और भावबद्धता में मगन होकर चली जा रहा थी किन्तु अंत में आपने उन्मुक्त भावों को एक खूबसूरत बंधन में बांध दिया। काश ऐसा होता कि...खयाल इसी तरह सप्तरंगी छटाएं बिखेरते जाते और कविता बोलती रहती। काश...एक अच्छी कविता तक मेरा धन्यवाद पहुंच जाए।

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  8. hiiii

    its a cute poem, simple n sweet....aur altogether aapka blog bohot khoobsurat hai...been a pleasure reading u....aate rahenge :)

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  9. काश ऐसा होता !
    मेरा ख्वाब हकीकत बन जाता,
    और वक़्त का पहिया चलते-चलते
    इन लम्हों में थम जाता..

    काश ऐसा होता ! पर ऐसा हमेशा होता कहाँ है..समय का पहिया बढता चला जाता है ख़्वाबों को कुचलते..बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..

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  10. खूबसूरत भावपूर्ण रचना .....शुक्रिया

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  11. तुम होते मेरे साथ हमेशा,
    जैसे सीप और मोती,
    सूरज और रौशनी,
    मांग और सिंदूर,
    दीपक और ज्योति...
    काश ऐसा होता !

    सुंदर ....हृदयस्पर्शी.....

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  12. काश ऐसा होता ! पर ऐसा हमेशा होता कहाँ है.

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