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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

tum mere liye bahot khas ho...

आज जो कह रही हूँ वो शब्द तो मेरे हैं पर अहसास किसी और के है. अरे! आप गलत समझ रहे हैं, वो अनपढ़ नहीं है, इंजिनियर है भाई...MNR ,इलाहाबाद, toper { (: with scholarship :) },लेकिन भावनाए व्यक्त करना इंजिनियरस के बस कि बात कहाँ.
ये जनाब मेरे 'वो' हैं, सोचा इनसे भी मिला दूँ...बताइयेगा जरुर, मुलाकात कैसी लगी?  :) :) :)


कैसे कहूँ ?
मुझे कहना नहीं आता,
तुम्हारी तरह
शब्दों से खेलना
नहीं आता.

पता नहीं
तुम कैसे देखती हो
काजल में 'बादल '
'सावन'में आँचल
हवा की ताल में
ढूंढ़ लेती हो
सीने की हलचल.

पूनम के 'चाँद' को
चेहरा कह देती हो,
'चांदनी' को बाँहों का
 घेरा कह देती हो .

सुबह की 'धूप' में
महसूस करती हो
 प्यार की गर्मी,
'ओस' की बूंद में
देख लेती हो
आँखों की नमीं.

उगता 'सूरज'
माथे पे सजा लेती हो,
'मौसम' को बालों का
गजरा बना लेती हो.

अजीब हो तुम,
ना जाने कैसे 
हर भाव गीतों में
पिरो देती हो,
दर्द हो या ख़ुशी
सब कुछ शब्दों में
संजो देती हो.

इसलिए शायद
मैं कहूँ ना कहूँ
तुम समझ  लेती हो
मेरा  मौन,
मेरे अहसास को,
इसलिए शायद 
बिना बताये भी 
जान लेती हो
कि तुम मेरे लिए
बहुत 'ख़ास' हो... 

अनुप्रिया...

13 टिप्‍पणियां:

abhi ने कहा…

बहुत अच्छी रही मुलाक़ात जी :)
अच्छा लगा तस्वीर देख कर..

abhi ने कहा…

अगर बुरा न माने तो एक सलाह दूँ, अपने पोस्ट एरिया को बढ़ा दें या फिर फोटो को थोडा छोटा कर के लगाएं, तस्वीर ओवरलैप हो जा रही है, जिससे ब्लॉग कुछ अजीब सा दीखता है...
सुधार कर लें :)

Anupriya ने कहा…

aapki salah sar aakho par...main jarur koshish karungi...

बेनामी ने कहा…

very simple poem but touched my heart...

JAGDISH BALI ने कहा…

Nice to be on your blog. U write well.

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

अनुप्रिया जी , बहुत सुंदर एहसास के साथ एक प्यारी सी कविता.......... भाई जी से मुलाकात इस अंदाज में बहुत अच्छी लगी.
फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी

amar jeet ने कहा…

किसी खास के लिए
खास शब्दों में गढ़ी
खास रचना खास लगी.....

संजय भास्‍कर ने कहा…

अनुप्रिया जी
नमस्कार !
बहुत सुंदर
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

संजय भास्‍कर ने कहा…

नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!

rajesh singh kshatri ने कहा…

bahut sundar abhivyakti.

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं .

Dimple Maheshwari ने कहा…

जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!

Arti Raj... ने कहा…

aapke unse or aapse milkr bhut acchha lga....bhut sundr v hai aap or bhut sundr likhti v mai...mere blog pe v aaiye ga ....