L

L

गुरुवार, 23 सितंबर 2010




दिल में धड़कन की जगह अब तेरे अरमान हैं,
मेरे होठों पर सजी जो वो तेरी मुस्कान है।

मेरी आँखों में जो सपना है , अमानत है तेरी,
मैं कहाँ हूँ खुबसूरत , वो तो मोहब्बत है तेरी।

सांसो में है तेरी खुश्बू , जिस्म में अहसास है,
दूर तू है मुझसे कितना, फिर भी लगता पास है।


मंजिलें तूहमसफ़र तू , और तू ही रहगुजर है ,
हाय ! कितना खुबसूरत मेरे जीवन का सफ़र है...

अनुप्रिया...

2 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूब ..अच्छी गज़ल

abhi ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है आपने..