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शनिवार, 26 जून 2010



दिल चाहता है,
कहुं तुमसे आज कुछ.....
कुछ ऐसा जो आज तक कहा नहीं,
दिल चाहता है,

रो लूँ  आज वो हर लम्हा
जो ठहरा रहा पलकों में
पर आखो से बहा नहीं...

दिल चाहता है
खो  जाऊं तुम में मैं  कहीं , 
कोई ढूंढे तो कह देना,
यहाँ इस नाम का
कोई रहता नहीं।

दिल चाहता है
जिंदगी को महसूस करना
खुल के जीना...
आज कल लगता है  जैसे, 
मैं  अभी जिन्दा नहीं...
दिल चाहता है
ढूंढ़  लू अपने खुदा को
और दे दू खुद को उसे
छुप गया वो भी मुझे
इस दर्द  में पड़ा देख के...
एक अरसा हो गया
मैंने उसे देखा नहीं...

अनुप्रिया...

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