मेरे साँस लेते सपनों से मिलिए...छोटे साहब का नाम है लव. ये मेरे भतीजे हैं और अभी सिर्फ दो साल के हैं.अभी ठीक से बोलना भी नहीं आता इन्हें पर सारा घर सर पे उठा कर रखते हैं. बड़े साहब मेरे सुपुत्र हैं ...इनका नाम क्यूटू {ओमतनय } ,और ये अभी ६ साल के हैं और छोटे साहब के गुरु हैं...:)
नन्हे क़दमों की रुनझुन रुनझुन,
तोतली बोली की मीठी गुनगुन,
कृष्ण की बासुरी सा मन सुकून देता है...
मेरी ममता का हसीं ख्वाब है तू,
जो हँसता है, सांस लेता है...
प्रेम की मिट्टी से बना है तू,
मेरे अरमानों से सना है तू,
अपने आशीष की छांव में रख कर
मैंने दुवाओं से तुझको सींचा है.
तुझसे मतलब है मेरे जीने का,
तू मेरी जिन्दगी का मकसद है...
तुझको छू भी ना पाए कोई गम
खुदा से बस यही मिन्नत है.
मेरे बच्चे ! मासूमियत से अपने हर पल
मुझको तू मुस्कुराने की वजह देता है,
"माँ "कह के बुलाता है तू जब भी मुझको
अहसास एक ख़ास होता है.
अनुप्रिया...
14 टिप्पणियां:
गुरु शिष्य से मिलवाने के लिए शुक्रिया।
Really you are great for posting such a nice post with attractive photograph of the children. I like it.Dhanyavad.
मेरे बच्चे ! मासूमियत से अपने हर पल
मुझको तू मुस्कुराने की वजह देता है,
"माँ "कह के बुलाता है तू जब भी मुझको
अहसास एक ख़ास होता है.
bahoot hi khoobsurat ehsas. bahche bade pyare lage.
सुन्दर अभिव्यक्ति,प्रभावी कविता
अनुप्रिया जी
नमस्कार !
सांस लेते आपके सपनों से मिलने का अनुभव बहुत सुखद रहा
आपकी रचनाओं की जितनी ता'रीफ़ की जाए , कम है …
प्रेम की मिट्टी से बना है तू,
मेरे अरमानों से सना है तू
ओम तनय बाबू के भी काला टीका लगादें …
भगवान बुरी नज़र से बचाए ।
बहुत प्यारे बच्चे हैं !
ईश्वर इन्हें सदैव स्वस्थ सुखी रखे, दीर्घायु करे … तथास्तु !
समस्त् शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
rajendra jee, aapko bahot bahot dhnyawad :)
माँ की ममता का सुंदर चित्रण किया है आपने
एक मासूम
और
अनुपम रचना !
कविता की तारीफ़ बाद में, पहले बच्चों को प्यार :)
इस बार मेरे ब्लॉग में '''''''''महंगी होती शादिया .............
अनुप्रिया जी
नमस्कार !
ममता का सुंदर चित्रण किया है
कमाल की लेखनी है आपकी लेखनी को नमन बधाई
हमें थोड़ी देर हो गयी आने में...
अरे ई दोनों तो कोनो फिलिम के बाल कलाकार लग रहे हैं...
मेरी तरफ से इन्हें ढेर सारा प्यार...
और आपको नमस्कार...
अब तो यहाँ आना जाना लगा रहेगा...
यही तो एहसास है मां का ..मां शब्द सुनकर सारी तकलीफें भूल जाती है
http://veenakesur.blogspot.com/
aapne saans lete sapno se milbaya...bhut pyara lga..sooo cute...
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