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गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

तू इजाजत दे अगर...




तू  इजाजत दे  अगर
छोटी सी शरारत कर लूँ...
मैं तेरे दिल तक पहुँचने  की
हिमाक़त कर लूँ.

ख्वाब आँखों में
सजा लूँ आसमान वाले,
चाँद पाने की जरा सी
मैं भी हिम्मत कर लूँ...

दस्ताने-इश्क लिख दूँ
आफताब के नूर से, 
हीर-राँझा, लैला मजनूं
सी मुहब्बत कर लूँ...


रंग होठों से चुरा लूँ,
रौशनी रुखसार से,
अपनी कोरी जिन्दगी को   
क्यों ना जन्नत कर लूँ.

क्या ठिकाना साँसों का
कल  जिंदगानी  हो ना हो...
मिट्टी में मिल जाऊं मैं,
धड़कन में रवानी  हो ना हो...
छोड़ ना कल पे मुझे ,
कल ये दीवानी हो ना हो...
आज ,बस इस एक पल में
सदियों की चाहत कर लूँ...
तुझमें खो कर तुझको
प़ा जाने की हसरत कर लूँ...


अनुप्रिया...








 




24 टिप्‍पणियां:

सुनील गज्जाणी ने कहा…

अनु जी
नमस्कार !
आप के ब्लॉग पे पहली बार आना हुआ है , और आना सार्थक लगा , सुंदर अभिव्यक्ति , सुंदर भाव ,
बधाई , साधुवाद !
सादर

Unknown ने कहा…

अनुप्रिया जी जीवन का फलसफा ऐसा ही है, जब कहो तो कहने नहीं देंगे, चुप रहो तो रहने नहीं देंगे इसलिए दिल से कहो, बेहतरीन कहा..समझा...

केवल राम ने कहा…

दस्ताने-इश्क लिख दूँ
आफताब के नूर से,
हीर-राँझा, लैला मजनूं
सी मुहब्बत कर लूँ...
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
आज ,बस इस एक पल में
सदियों की चाहत कर लूँ...
तुझमें खो कर तुझको
प़ा जाने की हसरत कर लूँ...

अनुप्रिया जी
आपकी कविता शुरू में तो रोमानी लगती है लेकिन अंत तक कविता अपने मूल मंतव्य की अग्रसर होते हुए एक आध्यात्मिक अर्थ की सृष्टि करती है ...कविता का भाव और शिल्प दोनों पक्ष सशक्त हैं ...आपका आभार इतनी अच्छी साहित्यक प्रस्तुति के लिए ..

Learn By Watch ने कहा…

बहुत ही अच्छा लगा

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बढ़िया कविता !

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

'तुझमे खोकर तुझको

पा जाने की हसरत कर लूं '

कोमल भावों से सजी सुन्दर रचना

Dr. Yogendra Pal ने कहा…

तू इजाजत दे अगर ???,

आज तक इजाजत ही तो नहीं मिली :)

बहुत अच्छी लगी मुझे आपकी यह कविता|

शारदा अरोरा ने कहा…

बड़ी प्यारी सी हसरत है ॥
'क्या ठिकाना साँसों का
कल जिंदगानी हो ना हो...
मिट्टी में मिल जाऊं मैं,
धड़कन में रवानी हो ना हो...'
को आप
'क्या ठिकाना साँसों का
कल जिंदगानी हो ना हो...
मिट्टी में मिल जाऊं मैं,
धड़कन में रवानी कर लूं ..' भी लिख सकती हैं कविता की रवानगी भी गीत जैसी हो जायेगी ..

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार ०५.०२.२०११ को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत भावपूर्ण..मर्मस्पर्शी प्रस्तुति

udaya veer singh ने कहा…

prya anu ji ,

namskar
charcha manch men aapka srijan dekha
sundar shilp ,man mugdh ho gaya .aise hi likhate rahiye . shukriya .

mridula pradhan ने कहा…

snehil bhawon men doobi hui manmohak kavita.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

आज ,बस इस एक पल में
सदियों की चाहत कर लूँ...
तुझमें खो कर तुझको
प़ा जाने की हसरत कर लूँ...

बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।

vandana gupta ने कहा…

आज ,बस इस एक पल में
सदियों की चाहत कर लूँ...
तुझमें खो कर तुझको
प़ा जाने की हसरत कर लूँ...

यही हसरत तो होती है जो रोज बढती जाती है…………बेहद रूमानी रचना दिल को छू गयी।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अरे जब इतना सोच ही लिया तो कर ही लीजिए हिमाकत :):)

खूबसूरत रचना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब .. प्यार भरे दिल की दास्तान लिख दी है आपने ... लाजवाब रचना है ...

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

आज ,बस इस एक पल में
सदियों की चाहत कर लूँ...
तुझमें खो कर तुझको
प़ा जाने की हसरत कर लूँ..

Anupriya ji , bahut hi gahre ehsason se bhari kavita.......sunder prastuti

Dr Varsha Singh ने कहा…

लाजवाब, सुन्दर लेखनी को आभार...

Minakshi Pant ने कहा…

खुबसूरत भावों को प्रदर्शित करती रचना !

amrendra "amar" ने कहा…

anu ji sunder rachna aur sacche prem ko paribhasit kerne kliye badhai

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

प्रेम की अनुभूति.. पर लिखा बहुत खूब... अब हिमाकत की जरूरत ....

Anupriya ने कहा…

shukriya nutan jee, aur yakeen maniye! himakat bhi ki aur us waqt to ijajat bhi nahi li :)

संजय भास्‍कर ने कहा…

अनु जी
नमस्कार !
......सुंदर अभिव्यक्ति
कोमल भावों से सजी सुन्दर रचना

संजय भास्‍कर ने कहा…

वसन्त की आप को हार्दिक शुभकामनायें !
फुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |