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बुधवार, 6 फ़रवरी 2019

तू अगर मेरा हो जाए

लब्जों को क्या चाहिए
बस एक ख्याल
जिसे अपनी बाहों में समेट
वो मुक्कमल हो जाए।

मिटा के नामों- निशान
अपना वजूद, अपनी पहचान
नदी की हसरत यही है कि
वो समंदर में खो जाए।

समझाए दुनिया को भले
बना के वो बहाने सौ
दिल यही चाहता है
मेरी गलियों में वो रोज आए।

ये दुनिया भर की दौलत
साजो- सामान चीज ही क्या है
खुदा को छोड़ दू मै
तू अगर मेरा हो जाए।

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