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शनिवार, 25 सितंबर 2010

Tiny Red Roses Pretty


ये दोष उम्र का है, या दोष तुम्हारे चेहरे का,
हमने न चाह कर भी जो तुम्हे बार बार देखा।

यूँ बहकती हुई नज़रों से हो गया प्यार अगर,
कभी सोचा है आगे हमारा क्या होगा ?

वो चंचल होंठ, वो मासूम सी ताकती आँखे,
फ़रिश्ता ही होगा,जो तुमसे नज़र चुरा लेगा।

चाँद में भी मेरे यार दाग होता है,
मान जाए उसे जो तुझमे दाग दिखा देगा।

अनुप्रिया...

2 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखती हो………………ऐसे ही लिखती रहो।

anu priya ने कहा…

jee...aapka bahot bahot shukriya.