काश ऐसा होता !
मेरा ख्वाब हकीकत बन जाता,
और वक़्त का पहिया चलते-चलते
इन लम्हों में थम जाता...
काश ऐसा होता !
तुम्हारे बाँहों के घेरे में
मेरी तनहाइयाँ खो जाती,
तुम्हारी आँखों कि गहराई में
मेरी पूरी कायनात गुम हो जाती...
काश, ऐसा होता !
तुम्हारी आँखों के सारे मोती
सिमट आते मेरे आँचल में,
तुम्हारे जीवन के सारे अँधेरे
घुल जाते मेरे काजल में...
काश ऐसा होता !
तुम होते मेरे साथ हमेशा,
जैसे सीप और मोती,
सूरज और रौशनी,
मांग और सिंदूर,
दीपक और ज्योति...
काश ऐसा होता !
अनुप्रिया...